आधुनिक आवर्त सारणी हिंदी में - मेंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी बनाने के लिए तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुणधर्मो और परमाणु द्रव्यमान के जरिये बनाया था, रासायनिक गुणधर्मो का अवलोकन करते उन्होंने पाया कि सभी तत्व एक निश्चित अन्तराल के बाद आ रहे थे ।
इसीलिए उनके द्वारा बनाया गया आवर्त सारणी रासायनिक गुणधर्म और परमाणु द्रव्यमान के आवर्ती फलन थे और इसी आवर्त सारणी ने तत्वों के वर्गीकरण में अपना अहम योगदान दिया जिससे कि आधुनिक आवर्त सारणी बनाने में सहायता मिली ।
1869 में, एक जर्मन, जे. लोथर मेयर तथा एक रूसी, दमित्री आई. मेंडलीफ ने स्वतंत्रतापूर्वक तत्त्वों की सारणीयां बनाई, जिनमें समान गुणो वाले तत्त्वों को एक साथ रखा गया। इन सारणीयों में तत्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु भारों के क्रम में रखा गया। इन सारणीयों की जाँच से यह ज्ञात हुआ कि नियमित अंतरालों पर भौतिक तथा रासायनिक गुणों में समानता मिलती हैं।
लोथर मेयर ने तत्त्वों की सारणी बनाने के लिए भौतिक गुणों, जैसे परमाणु-आयतन, गलनांक तथा क्वथनॉक का प्रयोग किया। मेंडेलीफ का तरीका अधिक विस्तृत था। उन्होंने तत्त्वों के वर्गीकरण के लिये भौतिक तथा रासायनिक गुणों के अधिक विस्तृत रूप का प्रयोग किया था। विशेषकर, मेंडलीफ ने तत्त्वों से बने यौगिकों के सूत्रों की समानता को आधार माना।
मेंडेलीफ ने आवर्त्त नियम को इस प्रकार बताया कि “तत्त्वों के गुण के साथ-साथ उनके योगिकों के सूत्र तथा गुण आवर्ती ढंग में अपने भार पर निर्भर करते हें।” तत्त्वों' की सारणी जिसमें समान गुणों वाले तत्त्व एक साथ रखे गए हैं, आवर्त्त सारणी कहलाता है।
आधुनिक आवर्त सारणी: Modern Periodic Table
मेंडलीफ की आवर्त सारणी में कुछ कमियां थी जिसे सन 1913 में हेनरी मोज्ले ने दूर करते हुए आधुनिक आवर्त सारणी प्रस्तुत किया । जिसमे उन्होंने बताया कि आवर्त सारणी में तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के आवर्ती फलन न करके उन्हें परमाणु क्रमांक के आवर्ती फलन करना चाहिए ।
- मेंडलीफ ने अपने आवर्त सारणी का आवर्त फलन परमाणु द्रव्यमान को माना था, जिसके बाद आधुनिक आवर्त सारणी ने इसे बदलकर परमाणु क्रमांक के आवर्त फलन बनाया ।
- आधुनिक आवर्त सारणी ने समान गुणों वाले तत्वों को अलग किया जिससे कि असमान गुण वाले तत्व अलग हो गए थे ।
- उत्कृष्ट गैसो को उनके रासायनिक गुणधर्म के अनुसार उचित स्थान में रखा गया है ।
- समस्थानिक तत्वों को भी उनके उचित स्थान में रखा गया है।
मेंडलीफ के आवर्त सारणी में गैलियम के अलावा ऐसे कौन से तत्व थे, जिनके लिए खाली स्थान रखा गया था ।
उत्तर- गैलियम के अलावा स्केंडीयम और जर्मेनियम ।
मेंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी कैसे बनाई थी ?
Ans: मेंडलीफ ने अपनी आवर्त सारणी बनाने के लिए तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुणधर्मो और परमाणु द्रव्यमान के जरिये बनाया था, रासायनिक गुणधर्मो का अवलोकन करते उन्होंने पाया कि सभी तत्व एक निश्चित अन्तराल के बाद आ रहे थे । इसीलिए उनके द्वारा बनाया गया आवर्त सारणी रासायनिक गुणधर्म और परमाणु द्रव्यमान के आवर्ती फलन थे ।
आधुनिक आवर्त सारणी के जरिये समझाइए कि यह मेंडलीफ के आवर्त सारणी से किस प्रकार अलग है ?
उत्तर- आधुनिक आवर्त सारणी ने मेंडलीफ के आवर्त सारणी कि कमियों को दूर करने का तरीका:
- मेंडलीफ ने अपने आवर्त सारणी का आवर्त फलन परमाणु द्रव्यमान को माना था, जिसके बाद आधुनिक आवर्त सारणी ने इसे बदलकर परमाणु क्रमांक के आवर्त फलन बनाया ।
- आधुनिक आवर्त सारणी ने समान गुणों वाले तत्वों को अलग किया जिससे कि असमान गुण वाले तत्व अलग हो गए थे ।
- उत्कृष्ट गैसो को उनके रासायनिक गुणधर्म के अनुसार उचित स्थान में रखा गया है ।
- समस्थानिक तत्वों को भी उनके उचित स्थान में रखा गया है ।
आधुनिक आवर्त सारणी और मेंडलीफ के आवर्त सारणी में क्या अंतर है ?
उत्तर- आधुनिक आवर्त सारणी और मेंडलीफ के आवर्त सारणी में अंतर:
- मेंडलीफ ने अपने आवर्त सारणी का आवर्त फलन परमाणु द्रव्यमान को माना था, जिसके बाद आधुनिक आवर्त सारणी ने इसे बदलकर परमाणु क्रमांक के आवर्त फलन बनाया ।
- आधुनिक आवर्त सारणी ने समान गुणों वाले तत्वों को अलग किया जिससे कि असमान गुण वाले तत्व अलग हो गए थे ।
- उत्कृष्ट गैसो को उनके रासायनिक गुणधर्म के अनुसार उचित स्थान में रखा गया है ।
- समस्थानिक तत्वों को भी उनके उचित स्थान में रखा गया है ।
आधुनिक आवर्त सारणी के गुण एवं दोष
आवर्त सारणी के गुण
- मेंडलीफ की आवर्त सारणी में 12 क्षैतिज पंक्तियां होती हैं जिन्हें हम श्रेणियां कहते हैं।
- आवर्त सारणी में समूह को श्रेणियों के साथ क्षैतिज स्तंभों तथा 8 ऊर्ध्वाधर पंक्तियों में रखा गया है।
- समूह में तत्वों की संयोजकता एक समान होती है।
- आवर्त सारणी में चोरी किस्तान छोड़ा जाता है वहां पर अज्ञात तत्वों को प्रकट किया गया है।
- एक समान तत्व वाले परमाणु भार लगभग समान होते हैं।
- इसमें धातु और अधातु को अलग अलग नहीं रखा गया है।
- मेंडलीफ की आवर्त सारणी में असमान तत्वों को एक ही स्थान पर रखते हैं तथा समान गुण वाले तत्वों को अलग-अलग स्थानों पर रखा गया है।
- मेंडलीफ की आवर्त सारणी में समस्थानिक को शामिल नहीं किया गया है।
- आवर्त सारणी में कई जगह पर तत्वों के परमाणु भार ओं को सही क्रम से नहीं रखा गया है।
- आवर्त सारणी में हाइड्रोजन का कोई निश्चित स्थान निर्धारित नहीं किया गया।
आधुनिक आवर्त सारणी में धातु और अधातु
मेंडलीफ आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी में अंतर-
- आवर्त सारणी परमाणु द्रव्यमान पर आधारित है ।
- इसमें तत्वों को 18 समूह में वर्गीकृत किया गया है।
- इसके अनुसार तत्वों के गुणधर्म परमाणु द्रव्यमान पर निर्भर नहीं करते हैं।
- अक्रिय गैसों को कोई स्थान नहीं मिला है
- यह तत्वों के परमाणु संख्या पर आधारित है।
- 18 समूहों को में वर्गीकरण करके तत्वों को स्थान दिया गया है।
- इसके अनुसार तत्व के गुणधर्म उनके परमाणु संख्या तथा इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पर निर्भर करते हैं।
- अक्रिय गैसों को समूह अट्ठारह में स्थान दिया गया है।
तत्वों का आवर्त में वर्गीकरण:
तत्व यानी कि जिस पदार्थ का निर्माण केवल एक ही प्रकार के परमाणु से होता है, उसे तत्व के रूप में जाना जाता है और यह तत्व हमारे चारो तरफ फैली हुयी है । जैसे कि हाइड्रोजन, oxygen, कार्बन ये सभी एक तत्व है ।
अभी तक हमे 118 तत्वों का ही ज्ञान है और इनमे 94 तत्व ऐसे है जो प्रकृति में खुले रूप में पाई जाती है । इन सभी तत्वों के रासायनिक और भौतिक गुण भिन्न होते थे जिसके वजह से इन तत्वों को आवर्त रूप में वर्गीकृत करना बहुत ही ज्यादा जरूरी था ।
डाबेराइनर का त्रिक नियम:
सन 1817 में जर्मन के वैज्ञानिक ने आवर्त सारणी के लिए अपना पहला मत प्रस्तुत किया, इसमें उन्होंने तीन तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के जरिये आरोही क्रम में रखा था और उनके बीच वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान अन्य दोनों तत्वों के औसत के बराबर होता था । इस आवर्त सारणी में बहुत सारी कमियां थी जिसके कारण यह आवर्त सारणी विफल हो गयी ।
डाबेराइनर कि आर्वत सारणी में क्या कमियां थी ? संछेप में समझाइए ।
Ans: डाबेराइनर कि आर्वत सारणी में कमियां- सबसे पहली कमी थी कि इन्होने केवल तीन ही तत्वों का ही आवर्त सारणी बनाये थे । डाबेराइनर के त्रिक नियम में कुछ ही तत्व सम्मिलित हो पाते थे।