कहानी कैसे लिखें | कहानी के नियम क्या होते हैं? - Ischool24
Ischool24 - Android App On Playstore Click - Download!

कहानी कैसे लिखें | कहानी के नियम क्या होते हैं?

कहानी कैसे लिखें | कहानी के नियम क्या होते हैं?

कहानी के नियम (Kahani likhne ke niyam) एक अच्छी कहानी लिखने के लिए कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए अर्थात कुछ नियमों के अनुसार कहानी को लिखना चाहिए ताकि वह प्रेरणादायक और अर्थपूर्ण हो सके और पढ़ने वाले के जीवन में बदलाव ला सके तथा साथ-साथ उसे कहानी से कुछ ना कुछ प्रेरणा मिल सके।

 

 






कहानी की भाषा सरल व प्रभावशाली होनी चाहिए, जिससे सामने वाले को आसानी से उसकी भाषा समझ में आ सके तथा कहानी की भाषा को ना अधिक संस्कृत में लेना चाहिए और ना ही अधिक बढ़ाना चाहिए कहानी का प्रारंभिक रूप बहुत ही आकर्षक होना चाहिए, जिससे कहानी पढ़ने वालों का मन उसे पढ़ने में लगा रहे।

कहानी जीवन के किसी एक घटना के रोचक वर्णन का हिस्सा होता है जिसे सुनने, पढ़ने व लिखने का चलन बहुत ही पुरानी मानव जीवन का हिस्सा रहा है और इससे मनोरंजन के साथ-साथ हमें ज्ञान भी  प्राप्त होता है। आज हर उम्र का व्यक्ति कहानी लिखना व पढ़ना तथा सुनना पसंद करता है, जिससे कहानी का महत्व दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है और इससे हमें ज्ञान प्राप्त होता है ।

कहानी कैसे लिखें- कहानी लिखने के नियम ?

कहानी लिखने के लिए हमें इन नियमों का ध्यान रखना चाहिए चाहे आप कहानी को चित्र या किसी विषय पर लिखना चाह रहे हैं।तो यह जरूरी है कि किस कहानी के ढांचे चित्र विषय के बारे में अच्छे से सोच विचार करही कहानी लिखी जानी चाहिए, अगर वह छोटी कथा है, तो उसे छोटा ही रखा यह जाना चाहिए एक कहानी लिखने के लिए हमें इन सब बातों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है ।

  • कहानी का आरंभ आकर्षक ढंग से  ।
  • कहानी का विकास क्रमिक होना चाहिए ।
  • कहानी का शीर्षक मूल कहानी का शीर्षक होना चाहिए ।
  • कहानी की भाषा सरल व स्पष्ट होनी चाहिए ।
  • कहानी का संवाद स्वच्छ होना चाहिए ।
  • कहानी का अंत स्वभाविक होना चाहिए ।

इसके अलावा कहानी लिखने के लिए कुछ और भी बातें महत्वपूर्ण है -जैसे-

 

  • कहानी की भाषा सरल, प्रभावशाली, स्वाभाविक होनी चाहिए इसे मैं बहुत कठिन शब्द तथा लंबे वाक्य का प्रयोग नहीं होना चाहिए।
  • कहानी का प्रारंभ आकर्षक होना चाहिए जिससे पढ़ने वाले का मन कहानी पढ़ने में लगा रहना चाहिए ।
  • कहानी में विभिन्न प्रकार की घटनाओं तथा प्रसंगों का वर्णन होना चाहिए तथा किसी भी प्रसंग को ना  अधिक बढ़ाना चाहिए और ना ही अधिक संस्कृत में होना चाहिए ।
  • कहानी को और अधिक रोचक तथा प्रभावशाली बनाने के लिए उसमें मुहावरे और लोकोक्तियां का भी प्रयोग होना चाहिए । 
  • कहानी हमेशा भूतकाल में ही लिखा जाना चाहिए ।
  • कहानी का अंत हमेशा सरल ढंग से होना चाहिए ।
  •  कहानी के अंत में हमेशा उससे मिलने वाली सीख सरल व स्पष्ट होनी चाहिए ।
  • कहानी हमेशा ज्ञान व शिक्षा से पूर्ण होनी चाहिए ।

 

कहानी लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

नई शिक्षा पद्धति के अनुसार कहानी लेखन के रूप में बदलाव किया गया जिसके फल स्वरूप कहानी कई प्रकार से पूछी जा सकती है यह निम्न प्रकार है-

  • कहानी से संबंधित कुछ मुख्य मुद्दे देखकर ।
  • कहानी की शुरुआत कुछ पंक्तियां देकर ।
  • कहानी से संबंधित अधिक से अधिक मुद्दे देकर ।
  • कहानी की अंतिम पंक्तियां देकर आकार की दृष्टि से कहानियां दोनों तरफ की  हैं ।
  • कहानियां  लंबे आकार की होती हैं ।
  • कुछ कहानियां छोटी होती हैं ।
  • आज की कहानियां मुलताई छोटी होती हैं ।

कहानी लेखन की कुछ प्रमुख निम्नलिखित विशेषताएं हैं-

  1. आज की कहानी का लक्ष्य विभिन्न प्रकार के चरित्रों को दर्शाता है, यही कारण है कि आज कहानी में चरित्र चित्रण का महत्व अधिक बढ़ गया है।
  2. पहले कहानी का लक्ष्य घटनाओं का जोड़ घटाना लगाना होता था । आज वहां घटनाओं को महत्व ना देकर, मानव के मन में किसी एक विचार अनुभूतियां भाव को व्यक्त करता है।  मुंशी प्रेमचंद्र ने स्पष्ट रूप में कहां है,  की कहानी का आधार अब घटना नहीं अनुभूति है।
  3. आज कहानी का मुख्य विषय मनुष्य है देव या कोई गाना नहीं पशुओं के लिए भी कहानी में अब कोई जगह नहीं है। लेकिन बच्चों के लिए लिखी गई कहानियों में देव और दानव पशु पक्षी मनुष्य सभी आते हैं, लेकिन सिर्फ कहानी इसी को कहते हैं, जिसमें मनुष्य के जीवन की कोई संवेदना या समस्या व्यक्त की गई हो।
  4. हमारी शिक्षा और मनोरंजन के लिए कहानियां लिखी जाती थी, लेकिन आज इन दोनों के स्थान पर कहानी जो सक्षम हो वही सफल समझी जाती है, फिर भी मनोरंजन आज के पाठकों की मांग रही है।
  5.  पहले की अपेक्षा आज की कहानी की भाषा सरल व स्पष्ट है और उसी पर अधिक बल दिया गया है क्योंकि उसका उद्देश्य जीवन की गाथा को उज्जवल करना है।
  6. प्राचीन काल की कहानियां स्पष्ट वादी थी तथा सब के हितों को ध्यान में रखकर लिखी जाती थी। जबकि आज की कहानियां भक्ति व्यक्तिवादी है, जो व्यक्तियों के मनोवैज्ञानिक सत्य का उद्घाटन कराती हैं।
  7. पुरानी कहानियों का अर्थ अधिकतर सुखद होता था किंतु आज की कहानियां मनुष्य के दुख को दर्शाती हैं जो उसके जीवन गत समस्याओं और संघर्षों को अधिक से अधिक प्रकाशित करती हैं।

कहानी लिखने की विधियां-

कहानी का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार होने के कारण छात्रों से किया जाता है कि वह कहानी लिखने में ध्यान दें तथा कहानी लिखने का अधिक से अधिक अभ्यास करें क्योंकि इसमें उनमें सचिन आत्मक शक्ति जागरूक होती है। इसलिए उनकी अपेक्षा की जाती है ।

1. रूपरेखा के सारे कहानी लिखना ।
2. कहानी के सहायता के आधार पर ही कहानी लिखना ।
3. चित्र की सहायता से कहानी का अभ्यास करते रहना ।
4. आधी अधूरी का पूर्ण करना ।

 कहानी लिखने के कुछ और प्रमुख नियम -

  • दिलचस्प पात्र विकसित करें - आपकी कहानी में दूसरा व्यक्तित्व प्रेरणा और खामियों के साथ अच्छी तरह गोल चरित्र होने चाहिए ।
  • वर्णनात्मक भाषा का प्रयोग करें -  पाठकों को आपकी कहानी के दृश्य और सेटिंग्स को देखने में मदद करने के लिए विशेष भाषा का प्रयोग करें ।
  • दिखाएं, बताए नहीं - पाठकों को केवल यह बताने के बजाय कि क्या हो रहा है उन्हें क्रिया संवादों और संवेदी विवरणों के माध्यम से दिखाएं ।
  • स्पष्ट कथानक बनाएं -  आप की कहानी में एक मजबूत संघर्ष और संकल्प के साथ एक स्पष्ट शुरुआत मध्य और अंत होना चाहिए ।
  • एक मजबूत हक के साथ शुरू करें - आप की शुरुआती पंक्तियों को पाठक का ध्यान आकर्षित करना चाहिए और उन्हें पढ़ना जारी रखना चाहिए ।
  • पूर्वाभास का उपयोग करें - सस्पेंस और साजिश बनाने के लिए अपनी कहानी में शुरुआती संकेतों को छोड़ दें और कहानी के बाद में उन संकेतों का भुगतान करें ।
  • अपनी आवाज में लिखें - अपने लेखन में तत्कालिक था और तत्काल तत्कालताकि भावना पैदा करने के लिए सक्रिय भाषा का उपयोग करें ।
  • तनाव पैदा करें - अपने पात्रों को संघर्ष और बाधाएं पैदा करके अपने पाठकों को उनकी सीट के किनारे पर रखें जिन्हें आप के पात्रों को दूर करना चाहिए ।
  • फिल्म विकसित करें - उस संदेश या विचार के बारे में सोचें जिसे आप अपनी कहानी के माध्यम से व्यक्त करना चाहते हैं और उस टीम को अपने कथानक और पात्रों में पहुंचाएं ।

एक संतोषजनक निष्कर्ष के साथ समाप्त करें आप की कहानी में एक स्पष्ट और संतोषजनक संकल्प होना चाहिए जो ढीले सिर्फ को जोड़ता हूं और पाठकों को पूरा महसूस कराता है ।

बुजुर्ग की मदद - एक छोटी कहानी

यह एक बच्चो के लिए कहानी है। यह एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक बच्चा रहता था। उसका नाम राहुल था। राहुल बहुत ही खुशनुमा बच्चा था और उसके गांव के सभी लोग उसे बहुत प्यार करते थे।

एक दिन, राहुल ने अपने दोस्तों के साथ खेलने का सोचा। वे सभी नदी के किनारे गए और वहां खेलने लगे। वे सब खुशी से झूल रहे थे जब अचानक राहुल का पैर नदी में फंस गया। वह पानी के नीचे नहीं जा सकता था और उसके दोस्त भी उसे बचाने में असमर्थ थे।

राहुल बहुत घबराया और रोने लगा। तभी एक बुजुर्ग आदमी वहां से गुजर रहे थे उसने राहुल की मुसीबत को देखा और उसके पास आया। उसने कहा, "बेटा, चिंता मत करो। मैं तुम्हारी मदद करूँगा।"

उस बुजुर्ग ने अपना बंदूक निकाली और एक तीर नदी में फेंका। तीर ने राहुल के पैर को छुआ और वह पैर से नदी से बाहर निकल गया। राहुल खुशी से जंप कर उस बुजुर्ग को धन्यवाद कहा।

बुजुर्ग ने कहा, "बेटा, तुम्हें याद रखना चाहिए कि कभी भी चिंता नहीं करनी चाहिए। हमेशा सोचो कि कैसे हम अपनी मदद के लिए अलग-अलग साधनों का उपयोग कर सकते हैं।"

राहुल ने इस सीख को गहराई से समझ लिया। वह अपने दोस्तों के साथ घर वापस आया और उन्हें उस दिन के घटना का बताया। सभी ने बुजुर्ग की बातों से बहुत कुछ सीखा और उन्होंने सोचा कि वे भी अब से किसी भी समस्या का समाधान ढूंढने के लिए उनके पास अलग-अलग साधनों का उपयोग करेंगे।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि जब हमें कोई समस्या आती है, तो हमें घबराने की बजाय समस्या का समाधान ढूंढना चाहिए। हमें अपने आस-पास के लोगों से मदद मांगनी चाहिए और हमेशा अलग-अलग साधनों का उपयोग करना चाहिए। इससे हम अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं और खुश रह सकते हैं।

अच्छा कहानीकार कैसे बने ?

अच्छा कहानीकार बनने के लिए कहानी कहने की विभिन्न तकनीक और दृष्टिकोण ओं के बारे में जाने के लिए विभिन्न शैलियों और शैलियों की पुस्तकें पढ़ें लिखने की एक अच्छी आदत डालें प्रतिदिन कुछ ना कुछ लिखते रहे ।

भले ही वह कुछ मिनटों में ही क्यों ना हो विभिन्न लेखन सहयोग के साथ प्रयोग करें, और वह आवाज खोजें जो आपको सबसे अधिक प्रमाणिक लगे संवाद चरित्र चित्रण कथानक विकास जैसी तकनीक के बारे में जाने तथा उन्हें अपने लेखन में शामिल करने का अभ्यास करें

अपने लेखन को दूसरे के साथ शेयर  करें और आप प्रतिक्रिया प्राप्त करें की क्या काम करता है और क्या सुधार की आवश्यकता है एक बार जब आप एक पैराग्राफ लिख लेते हैं ,तो संवाद या समग्र संरचना को बेहतर बनाने के लिए इसे कई बार हटाए और जोड़ें अन्य लेखकों से सीखने और अपने काम पर प्रतिक्रिया प्राप्त करने के अवसर का लाभ उठाएं । लिखने के लिए किताबें पढ़ना जारी रखें कार्य सलाम और कक्षा में भाग लें और अपनी कला में सुधार करने की प्रतिक्रिया मांगे ।

कहानी लेखन का फॉर्मेट

कहानी लिखते समय कहानी का फॉर्मेट प्रोफेशनल होना चाहिए तथा क्रमबद्ध तरीके से होना चाहिए जिससे कहानी पढ़ने वाले तथा कहानी लिखने वालों को आसानी रहे कहानी लिखना एक बहुत बड़ी कला है । जो लेखक को सभी से अलग-अलग परिचय कराती है ।

कहानी लिखने वाला व्यक्ति तथा सामान्य व्यक्ति में बहुत बड़ा अंतर होता है, क्योंकि कहानी लेखक किसी भी बात को कहने के लिए ऐसे वाक्य व तरीकों को अपनाता है जिससे वह बात वास्तविक और जीवंत लगने लगती है क्योंकि कहानी लेखक प्रत्येक बात को क्रमबद्ध दो सही तरीके से कहने वाली आने की कोशिश करता है  ।

अंत में अगर कहानी क्रमबद्ध सही तरीके से लिखी जाती है तो कहानी समझ में कहानी लिखने व पढ़ने में आसान होती है इसलिए कहानी की फॉर्मेटिंग बहुत ही अति आवश्यक होती है ।

कहानी की फॉर्मेटिंग में निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना चाहिए ।

  • कहानी लिखने के लिए उचित शीर्षक होना चाहिए ।
  • कहानी लिखने की की अच्छी शुरुआत होनी चाहिए ।
  • कहानी के चरित्र चित्रण का वर्णन होना चाहिए ।
  • कहानी लिखने के लिए एक अच्छा वातावरण होना चाहिए ।
  • कहानी लिखने के लिए अच्छी जगह होनी चाहिए ।
  • एक अच्छा समापन होना चाहिए ।
  • अंत में निष्कर्ष सरल, स्पष्ट होना चाहिए ।

कहानी के अंत में क्या लिखना चाहिए ?

कहानी के अंत में ऐसा संतोषजनक नेत्रदान करना चाहिए जो कि किसी भी ढीले दूसरों को जोड़ता और पाठक को बंद करने की भावना को साथ जोड़ता है तथा कहानी के मुख्य संघर्ष को स्पष्ट समझौते के माध्यम से हल किया जाना चाहिए । कहानी के दौरान मुख्य पात्रों को अपने अनुभव और चुनौतियों के आधार पर किसी तरह से बनाया बदलना चाहिए ।

कहानी को एक संदेश या एक विषय को व्यक्त करना चाहिए, जो कहानी की घटनाओं को एक साथ जोड़ता है और पाठक को कुछ निर्णय लेने के लिए छोड़ देता है तथा एक शक्तिशाली अंतिम क्षण पाठक पर एक स्थाई छाप छोड़ देता है और कहानी को संतोषजनक ला सकता है और पाठक को अंत की व्याख्या अनुमति देता है।

About the Author

Hey! My name is Raghavendra Tiwari, a professional educator, website designer, and content creator from Anuppur (M.P.). I love to teach, create interesting things, and share knowledge. Contact me for live classes, notes and to create a website.

Post a Comment

Cookie Consent
We serve cookies on this site to analyze traffic, remember your preferences, and optimize your experience.
Oops!
It seems there is something wrong with your internet connection. Please connect to the internet and start browsing again.
AdBlock Detected!
We have detected that you are using adblocking plugin in your browser.
The revenue we earn by the advertisements is used to manage this website, we request you to whitelist our website in your adblocking plugin.
Site is Blocked
Sorry! This site is not available in your country.