अक्षीय स्थिति तथा निरक्षीय स्थिति
विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण को समझाते हुए इसके कारण किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता के लिए अक्षीय स्थिति में व्यंजक ज्ञात कीजिए। (2007,09,2013,15,2017)
उत्तर- चित्र में AB एक विद्युत द्विध्रुव प्रदर्शित है, जिसके आवेश-q व +q हैं, तथा इन दोनों आवेशों के बीच की दूरी 2l है, यह विद्युत द्विध्रुव परावैद्युतांक माध्यम में रखा हुआ है। ध्रुव के मध्य बिंदु से दूरी पर अक्षीय स्थिति में एक बिंदु P स्थित है, इस बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात करनी है।
A पर स्थित +q आवेश के कारक E पर विद्युत क्षेत्र की तीव्रता-
विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण - अक्षीय स्थिति Watch Video
उत्तर-माना एक AB विद्युत द्विध्रुव है, जिसके आवेश -q तथा +q है, इनके बीच की दूरी 2a है। ऐसे माध्यम में रखा है जिसका माध्यम परावैद्युतांक k है जो द्विध्रुव के मध्य बिंदु से r दूरी पर इसकी अनुप्रस्थ स्थिति में एक बिंदु P है, जिसमें विद्युत क्षेत्र की तीव्रता की गणना करनी है।
बिंदु P पर परिणामी विद्युत क्षेत्र की तीव्रता का परिमाण -
अक्षीय स्थिति तथा निरक्षीय स्थिति में अंतर -
अक्षीय स्थिति | निरक्षीय स्थिति |
अक्षीय स्थिति में बिंदु बढ़ाए गए द्विध्रुव अक्ष पर होता है। | निरक्षीय स्थिति में इस स्थिति में विद्युत द्विध्रुव अक्ष के समद्विभाजक पर स्थित होता है। |
अक्षीय स्थिति में किसी छोटे वैद्युत द्विध्रुव का विद्युत क्षेत्र उतनी ही दूरी पर निरक्षीय स्थिति की तुलना में दुगना होता है। | निरक्षीय स्थिति किसी छोटे वैद्युत द्विध्रुव का विद्युत क्षेत्र उतना ही दूरी पर अक्षीय स्थिति की तुलना में आधा होता है। |
इस स्थिति में बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की दिशा द्विध्रुव के अच्छे के अनुदिश वैद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की दिशा में होती है। | इस स्थिति में किसी बिंदु पर विद्युत क्षेत्र की दिशा द्विध्रुव अक्ष के समांतर विद्युत द्विध्रुव आघूर्ण की विपरीत दिशा में होती है। |