अम्ल, क्षारक और लवण
क्या आप अपने दैनिक दिनचर्या में अम्ल, क्षार और लवण जैसे रासायनिक पदार्थो का उपयोग करते है अगर मैं इसका उत्तर सीधे तरीके से दू तो हाँ, आप इसका उपयोग अपने दैनिक दिनचर्या में जरुर करते है जैसे: नीबू, बेकिंग सोडा, नमक, साबुन इत्यादि ऐसे चीजे जो मूलतः अम्ल, क्षार और लवण के श्रेणियों में आते है |
इसीलिए आज हम समझेंगे कि आखिर ये अम्ल, क्षार और लवण क्या है यह कैसे काम करती है और इनके पीछे कि रासायनिक अभिक्रियाएँ कौन सी है |
आप ये तो जरुर जानते है कि जो पदार्थ स्वाद में खट्टा होता है उसे अम्ल कहाँ जाता है, तो वही जो पदार्थ स्वाद में कडवा होता है उसे क्षार के रूप में जाना जाता है |
परन्तु आपसे एक सवाल: क्या आप इन रासायनिक पदार्थो को स्वाद लिए बिना बता सकते है कि कौन सा पदार्थ अम्लीय है और कौन सा पदार्थ क्षारीय है ?
आपने लिटमस पेपर का नाम तो जरुर सुना होगा:
चलिए इन्ही लिटमस पेपर का उपयोग करके समझते है कि कौन सा पदार्थ अम्लीय है और कौन सा पदार्थ क्षारीय है |
एक लिटमस पेपर लीजिये, अब इसमें उस पदार्थ के कुछ बुँदे डालिए उदाहरण के रूप में आपने नीबू लिया है तो नीबू के रस कि कुछ बुँदे लिटमस पेपर में डालिए | यदि आपका लिटमस पेपर नीला से लाल हो जाता है, तो पदार्थ अम्लीय गुणों को धारण करता है |
अर्थात जो पदार्थ नील लिटमस पेपर को लाल कर देता है वह अम्लीय पदार्थ होता है |
तो वही जो पदार्थ लाल लिटमस पेपर को नीला कर देता है तो वह क्षारीय गुण को धारण करता है और क्षारीय पदार्थ होता है |
चलिए अम्ल, क्षार और लवण के बारे में details से समझते है |
अम्ल: - Acid
ऐसे पदार्थ जो स्वाद में खट्टे होते है, नीला लिटमस पेपर को लाल कर देते है और जो पदार्थ जल में खुलकर H+ आयन या हाइड्रोजन आयन देने कि क्षमता रखते है उन्हें अम्ल कहाँ जाता है |
अन्य शब्दों में:
जो पदार्थ प्रोटोन मुक्त करने कि क्षमता रखते है उन्हें अम्ल कहाँ जाता है ऐसे पदार्थो कि ph वैल्यू 7 से कम होती है |
उदाहरण:
HCl H+ + Cl-
HNO3 H+ + NO3-
अम्ल के रासायनिक गुणधर्म:-
अम्ल का मुख्य रासायनिक गुणधर्म: स्वाद में खट्टे और नीले लिटमस पेपर को लाल करने कि क्षमता रखते है |
ये रासायनिक पदार्थ विधुत के सुचालक होते है |
अम्लीय पदार्थ क्षार के साथ क्रिया करके जल और लवण का निर्माण करते है |
हम अम्ल को जल में आसानी से घोल सकते है, अर्थात ये जल में घुलनशील होते है |
ये संक्षारक nature के होते है |
अम्ल के प्रकार:
मुख्य रूप से अम्ल दो प्रकार के होते है:
प्रबल अम्ल
दुर्बल अम्ल |
प्रबल अम्ल: -
प्रबल अम्ल अर्थात ऐसे पदार्थ जो जल में पूरी तरह से घुल जाते है और हाइड्रोजन आयन मुक्त करते है उन्हें प्रबल अम्ल के रूप में जाना जाता है |
उदाहरण: HCl, H2SO4, HNO3
दुर्बल अम्ल:
दुर्बल अम्ल जैसे कि नाम से पता चल रहा है कि यह अम्ल जल में पूरी तरह से घुलनशील नहीं होता है, केवल कुछ ही मात्रा घुल पाती है और हाइड्रोजन आयन मुक्त करते है उन्हें दुर्बल अम्ल के रूप में जाना जाता है |
उदाहरण: CH3COOH, HCOOH, HF
क्षार:- Base
ऐसे पदार्थ जो स्वाद में कडवे होते है, और जो लाल लिटमस पेपर को नीला कर देते है तथा जल में खुलकर OH- आयन देने कि क्षमता रखते है उन्हें क्षार कहाँ जाता है |
अन्य शब्दों में:
जो पदार्थ प्रोटोन लेने कि क्षमता रखते है उन्हें अम्ल कहाँ जाता है ऐसे पदार्थो कि ph वैल्यू 7 से अधिक होती है |
उदाहरण:
NaOH Na+ + OH-
अम्ल, क्षारक और लवण से सम्बंधित कुछ प्रश्न उत्तर - अम्ल, क्षारक और लवण
कोई विलयन लाल लिटमस पेपर को नीला कर देता है तो उस क्या आप बता सकते है कि उस विलयन का ph मान क्या होगा ?
2
5
3
10
Ans: 10
एक विलयन अंडे के कवच से अभिक्रिया करता है और एक गैस पैदा करता है और यह गैस चुने के पानी को दुधिया कर देता है क्या आप बता सकते है, वह विलयन कौन सा है ?
NaCl
HCl
LiCl
KCl
Ans: HCl
अपच जैसे बीमारी के उपचार में क्या उपयोग करना चाहिए ?
प्रतिजैविक
प्रतिअम्ल (एंटी एसिड)
पीड़ाहारी दवा
इनमे से कोई नहीं |
Ans: प्रतिअम्ल (एंटी एसिड)
आसवित जल को विधुत का सुचालक नहीं माना जाता है परन्तु बारिश के पानी को विधुत का सुचालक माना जाता है ? कारण स्पष्ट करते हुए उत्तर दे |
Ans: हम सभी जानते है कि वर्षा के जल को विधुत का अच्छा सुचालक माना जाता है क्योकि वर्षा का जल में आयन मौजूद होते है और इन्ही आयनों के जरिये विधुत का प्रवाह हो पाता है परन्तु आसवित जल शुद्ध जल होता है और इस जल में आयन बिलकुल भी नहीं होता है और आयन न मिलने के वजह से ये आसवित जल में विधुत धारा का प्रवाह नहीं हो पाता है और इसी कारण से इसे आसवित जल को विधुत का सुचालक नहीं माना जाता है |
हमने देखा है कि जल के बिना अम्ल, अम्लीय रूप नहीं माना जाता है ? कारण स्पष्ट करे |
Ans: अगर अम्ल के रासायनिक गुण के तरफ देखा जाये तो हमे समझ आता है कि अम्ल जल में हाइड्रोजन (H+) आयन देता है परन्तु जब जल के बिना अम्ल हाइड्रोजन (H+) आयन मुक्त नही कर पाता है, जिसके वजह से जल के बिना अम्ल को अम्लीय रूप नहीं माना गया है |
आप सभी जानते है कि ताजे दूध का ph वैल्यू 6 होता है, परन्तु यह दही बनने के बाद ph वैल्यू में बदलाव आ जाता है, क्यों ?
Ans: दूध से दही बनना एक रासायनिक अभिक्रिया में शामिल होता है और जब दूध से दही बनने कि प्रक्रिया प्रारंभ होती है, तो एक और यौगिक का निर्माण होता है जिसे लेक्टिक एसिड के नाम से जाना जाता है, इसीलिए दही बनने के बाद ph वैल्यू 6 से कम हो जाता है |
ताजे दूध में बेकिंग सोडा मिलाने पर:
दूध का ph वैल्यू परिवर्तित होकर थोडा क्षारीय हो जाता है |
दूध से दही बनने कि प्रक्रिया इतनी लम्बी क्यों होती है ?
Ans:
दूध का ph वैल्यू 6 होता है परन्तु समय के साथ साथ यह अम्लीय होता जाता है इसीलिए दूध कि अम्लीयता दूर करने व इसे खराब होने से बचाने के लिए इसमें बेकिंग सोडा मिलाया जाता है जिससे कि दूध खराब न हो पाए |
दूध से दहीं बनना एक लम्बी प्रक्रिया है क्योकि जब दूध में बेकिंग सोडा मिलाया जाता है, तो दूध थोडा क्षारीय हो जाता है और क्षारीय दूध से दहीं बनने कि प्रक्रिया लम्बी हो जाती है |
प्लास्टर ऑफ़ पेरिस को वायु या जल रोधी बर्तन में रखे जाने का कारण स्पष्ट कीजिये ?
Ans: हम सभी जानते है कि प्लास्टर ऑफ़ पेरिस में जमने का गुण होता है और यह वायु या जल से क्रिया करके ठोस रूप यानी कि जिप्सम में बदल जाता है जिसके वजह से यह अपना प्रांरभिक गुण में बदलवा कर लेता है इसीलिए प्लास्टर ऑफ़ पेरिस को वायु या जल रोधी बर्तन में रखा जाता है |
उदासीनीकरण अभिक्रिया से आप क्या समझते है ? उदाहरण देकर स्पष्ट करे |
Ans: उदासीनीकरण अभिक्रिया:
उदासीनीकरण अभिक्रिया यह एक ऐसी अभिक्रिया है जिसमे क्षार और अम्ल आपस में क्रिया करके एक दुसरे के प्रभाव को नष्ट या उदासीन कर पानी और लवण बनाते है | ऐसे प्रक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते है |
HCl + NaOH Nacl + H2O
KOH + HNO3 KNO3 + H2O
बेकिंग सोडा और धोने का सोडा के उपयोग लिखिए |
Ans: बेकिंग सोडा के उपयोग:
इसका उपयोग खाद्य पदार्थो को मुलायम करने के लिए किया जाता है |
ये अम्ल कि मात्रा को भी कम करने के लिए किया जाता है |
धोने का सोडा:
इसका उपयोग सोडियम जैसे तत्व के निर्माण में किया जाता है |
घर कि साफ सफाई करने के लिय भी इसका उपयोग किया जाता है |
पीतल और तांबे के बर्तन में दही जैसे पदार्थो को न रखने का कारण बताये ?
Ans: दहीं जैसे पदार्थो में लेक्टिक एसिड मौजूद रहते है, जो पीतल और तांबे के बर्तन के साथ अभिक्रिया करके विषैले पदार्थो का निर्माण करना शुरु कर देते है जो स्वस्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक होते है |
क्या आप बता सकते है धातु अगर अम्ल के क्रिया करेगी तो इसका क्या परिणाम होगा ?
Ans: समान्यता देखा गया है कि जब भी कोई धातु अम्ल के साथ क्रिया करती है, तो हमे हाइड्रोजन गैस कि प्राप्ति होती है |
2NaOH + Zn Na2ZnO2 + H2
HCl और HNO3 आदि अम्ल जल में अपने अम्लीय गुण प्रदर्शित करते है क्या आप बता सकते है ग्लूकोज और एल्केहोल ऐसा नहीं करते है | कारण स्पष्ट करे |
Ans: HCl और HNO3 जल में घुलते ही हाइड्रोजन आयन मुक्त करते है, परन्तु ग्लूकोज और एल्केहोल जल में घुलने के बाद हाइड्रोजन आयन मुक्त नहीं कर पाते है इसीलिए ये अम्लीय गुण प्रदर्शित नही करते है |
अम्लीय जल से बने विलयन में विधुत धारा बहती है ? कारण स्पष्ट करें |
Ans: अम्ल जल में घुलकर हाइड्रोजन आयन मुक्त करते है और हम सभी जानते है कि विधुत धारा का प्रवाह आयन के मौजूदगी में होता है जिसके वजह से जलीय विलयन में विधुत धारा का प्रवाह हो पाता है |
CaOCl2 यौगिक का नाम क्या है ?
Ans: CaOCl2 यौगिक का नाम विरजंक चूर्ण है |
क्लोरिन के साथ क्रिया करने पर विरजंक चूर्ण का निर्माण होता है ? समझाइए |
Ans: Ca(OH)2 शुष्क बुझा हुआ चुना ही ऐसा पदार्थ है जो क्लोरिन के साथ क्रिया करके विरजंक चूर्ण का निर्माण करता है |
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3) को गर्म करने कि प्रक्रिया को संछेप में समझाइए ?
Ans: सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट से बने विलयन को गर्म करने कि क्रिया से हमे सोडियम कार्बोनेट, CO2 तथा जल मिलेंगे |
2NaHCO3 Na2CO3 + CO2 + H2O
प्लास्टर ऑफ़ पेरिस का पानी के साथ अभिक्रिया करने पर क्या होगा ?
Ans: प्लास्टर ऑफ़ पेरिस का पानी के साथ अभिक्रिया करने पर जिप्सम जैसे पदार्थ कि प्राप्ति होगी |
CaSO4. ½ H2O + 1. ½ H2O CaSO4. 2H2O.