मेंडलीफ की आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी में अंतर - Ischool24 - Ischool24
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मेंडलीफ की आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी में अंतर - Ischool24

मेंडलीफ की आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी में अंतर , मेंडलीफ की आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी के गुण और दोष

मेंडलीफ की आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी में अंतर-

प्राचीन काल से रासायनिक तत्वों के अध्ययन को सरल और व्यवस्थित करने के प्रयास होते रहे हैं। 18 वीं शताब्दी में लवासीए का इसी क्रम धातु एवं अधातु का अलग-अलग वर्गीकरण ईस दिशा में पहला प्रयास माना जा सकता है। फिर जर्मन वैज्ञानिक जॉन डोबरेनार का त्रिक तत्वों का समूह हो या फिर न्यूलैंड का अष्टक नियम हो ,सभी आधुनिक आवर्त सारणी के निर्माण के अलग-अलग चरण माने जा सकते हैं।




इसी क्रम में
मेंडलीफ की आवर्त सारणी आई जो कि इस दिशा में सत्य साबित हुई। हालांकि प्राचीन काल में से इसमें कई सुधार किए गए और फिर आया आवर्त सारणी का बड़ा रूप जिसे आधुनिक आवर्त सारणी के नाम से जाना गया।

आवर्त सारणी ने रासायनिक तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुणों के अध्ययन में काफी सहूलियत प्रदान की ।


आज हम आज हम मेंडलीफ की आवर्त सारणी और आधुनिक सारणी के बीच में अंतर को जानेंगे साथी दोनों ही आवर्त सारणियो के गुण और दोषों को विस्तृत से जानेंगे।


मेंडलीफ की आवर्त सारणी  


1869 मे रूस के के रसायन शास्त्री मेंडलीफ में तत्वों के वर्गीकरण का प्रयास किया और तत्वों की एक आवर्त सारणी तैयार की । इस सारणी को मेंडलीफ की आवर्त सारणी के नाम से जाना जाता है


मेंडलीफ ने अपने एक अध्ययन में पाया कि तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुण उनके परमाणु भारो के आवर्तीफलन होते हैं। यानी तत्वों को यदि उनके परमाणु भारो के बढ़ते हुए क्रम में रखा जाए तो एक निश्चित समय के बाद उसी तत्व के समान गुण वाले तत्वों का क्रम आता है।


मेंडलीफ में तत्वों के इस आवर्त गुण को आधार मानकर उनके बढ़ते हुए परमाणु भार ओं के आधार पर तत्वों की एक आवर्त सारणी तैयार की।


जिसमें मेंडलीफ ने तत्वों के इस गुण के आधार पर अपने सारणी में 8 वर्ग बनाएं। 8 में वर्ग के बाद आने वाला तत्व पहले वर्ग के तत्व के गुण के सामान गुण रखता है और इसे पहले वर्ग  नीचे नए क्षैतिज लाइन में रखा गया । मैडलिफ ने इन क्षैतिज कतारों को आवर्त और उर्द्वधार स्तंभ को वर्ग कहा।

  • मेंडलीफ की आवर्त सारणी में तत्वों के वर्गीकरण का आधार परमाणु द्रव्यमान है।
  • सारणी में आठ ऊर्ध्वाधर समूह हैं जिनमें सातवें वर्ग तक प्रत्येक 2 वर्ग बनाए गए हैं एक वर्ग को A और B उप वर्ग में बांटा गया है।
  • मेंडलीफ की आवर्त सारणी में संक्रमण तत्वों के साथ व्यवस्थित किए गए हैं।
  • इस सारणी में लैंथेनाइड व एक्टिनाइड को अलग-अलग स्थान नहीं दिया गया है। T
  • कुछ स्थानों पर उन तत्वों को जिनका परमाणु द्रव्यमान उच्च है उन तत्वों से पहले रखा गया है जिन तत्वों का परमाणु द्रव्यमान निम्न है।


आधुनिक आवर्त सारणी 


आधुनिक आवर्त सारणी नियम कहता है कि तत्वों के रासायनिक एवम भौतिक गुणधर्म उनके परमाणु संख्याओं के आवर्ती फलन होते हैं आधुनिक आवर्त सारणी आधुनिक आवर्त नियम पर आधारित होती है।


इसी नियम को आधार मानकर यह आवर्त सारणी तैयार की गई है। इसकी खोज वैज्ञानिक हेनरी मोसेले को इस मॉडर्न आवर्त सारणी का जनक माना जाता है।


आधुनिक आवर्त सारणी  की विशेषताएं -


आधुनिक आवर्त सारणी विशेषता के नियम अनुसार यह पाया गया कि यदि तत्वों के परमाणु क्रमांक के बढ़ते हुए क्रम में एक व्यवस्थित तरीके से सारणी बद्ध किया जाए तो एक निश्चित समय अंतराल के बाद पिछले तत्व के गुणों को प्रदर्शित करने वाले आता है।


यह एक ऐसी सारणी है जिसमें तत्वों को उनके परमाणु क्रमांक के आधार पर व्यवस्थित किया गया है। आधुनिक आवर्त सारणी का नियम यह है कि किसी तत्व की विशेषताएं उनके परमाणु क्रमांक की आवर्ती फलन होती है।


यही बात तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास पर भी लागू होती है। इलेक्ट्रॉनिक विन्यास होने के कारण रासायनिक गुण भी लगभग समान होते हैं। आधुनिक आवर्त सारणी की विशेषताएं इस प्रकार हैं -

  1. आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों के वर्गीकरण का आधार परमाणु क्रमांक होता है।
  2. आधुनिक आवर्त सारणी में कुल 18 उर्धवाधर स्तंभ होते हैं।
  3. इसमें सभी वर्ग अलग-अलग होते हैं।
  4. इसमें संक्रमण तत्वों को एक ही स्थान पर रखा गया है।
  5. इस सारणी में लैंथेनाइड और एक्टिनाइड को अलग-अलग स्थान दिया गया है।


मेंडलीफ की आवर्त सारणी और आधुनिक आवर्त सारणी के गुण और दोष में अंतर लिखिए।


मेंडलीफ की आवर्त सारणी में धातु और अधातु को अलग-अलग स्थान नहीं दिया गया है तथा समान गुणों वाले तत्वों को अलग-अलग स्थानों पर रखा गया और असमान गुणों वाले तत्वों को एक ही स्थान पर रखा गया है इस सारणी में समस्थानिक ओं को कोई स्थान नहीं दिया गया इस सारणी में कहीं-कहीं पर तत्वों के परमाणु भार ओं का क्रम ठीक प्रकार नहीं है।


मेंडलीफ की आवर्त सारणी के गुण   - 

  • तालिका में समान ऊर्ध्वाधर समूह और 36 पंक्ति में तत्वों के गुणों में आवर्ती रुझान प्रकट किए।
  • तत्वों की रसायनिक व्यवहार को समझने में के लिए एक रूपरेखा प्रदान की।
  • लापता तत्वों की पहचान करने और उनके गुणों के बारे में भविष्यवाणी प्रदान करने में मदद की।
  • हम देखा तत्वों के अस्तित्व और गुणों की भविष्यवाणी को सक्षम करता है।
  • परमाणु को और तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास को समझने में मदद करता है।
  • तत्वों के रासायनिक और भौतिक गुणों की भविष्यवाणी को सुगम बनाता है।


मेंडलीफ की आवर्त सारणी के दोष-

  • इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया गया कि कुछ तत्वों में एक से अधिक ऑक्सीकरण राज्य हो सकते हैं जिसमें तत्वों की नियुक्ति में गलतियां हो सकती हैं।
  • यह उन तत्वों के गुणों की भविष्यवाणी करने में सक्षम नहीं था जो अभी तक खोजे नहीं गए हैं।
  • उन तत्वों के लिए तालिका में अंतराल छोड़ना पड़ा जो अभी तक खोजे नहीं गए थे जिससे भ्रम पैदा हो सकता था।
  • विभिन्न ऑक्सीकरण अवस्था के कारण तत्वों के गुणों में भिन्नता का हिसाब नहीं रखता है।
  • तालिका तत्वों के गुणों पर सापेक्ष प्रभाव के प्रभाव के लिए जिम्मेदार नहीं है।
  • मेंडलीफ की तालिका तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास की व्याख्या करने में सक्षम नहीं थी।
  • परमाणु भार के आधार पर जो हमेशा किसी तत्व के गुणों का फटीक संकेतक नहीं होता है।

आधुनिक आवर्त सारणी के गुण  - 

  • किसी के समस्थानिक ओं को मूल तत्व के साथ रखा जाता है।
  • तत्वों की परमाणु संख्या जो तत्व की सबसे मौलिक संपत्ति है का उपयोग आधुनिक आवर्त सारणी बनाने के लिए किया गया है।
  • वर्तमान आवर्त सारणी में तत्वों की व्यवस्था में कोई असमानता नहीं है।
  • आधुनिक आवर्त सारणी बताती है कि 2,8,28,32 तत्वों के बाद तत्वों की विशेषता क्यों दोहराई जाती है ।
चुकी 2,8,18,32 तत्वों के परमाणुओ के k , L , M , N कोश मैं समायोजित किए जा सकने वाले इलेक्ट्रॉनों की अधिकतम संख्या है इसलिए तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,18, के बाद दोहराए जाते हैं। अब चुकी तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,18, 32 तत्वों के बाद दोहराए जाते हैं।


इसलिए तत्वों के गुण भी 2,8,18,32 तत्वों के बाद दोहराए जाते हैं। यह तालिका की अवधि में तत्वों की संख्या को ठीक करता है। 


आधुनिक आवर्त सारणी के दोष  -

  • असमान गुणों वाले तत्वों को एक ही समूह में रखना।
  • समान गुणों वाले तत्वों को अलग-अलग समूह में रखना।
  • आधुनिक आवर्त सारणी में धातु और अधातु को अलग-अलग निश्चित स्थान नहीं दिए गए हैं
  • H पहले वर्ग की क्षआर धातुओं के साथ साथ सातवें वर्ग के हेलो जनों से भी गुणों में समानता दिखाता है परंतु H को केवल पहले वर्ग में ही रखा गया है।
  • आधुनिक आवर्त सारणी में दुर्लभ तत्वों को कोई स्थान न देकर आवर्त सारणी के नीचे 2 श्रेणियों में रखा गया है जीने हम लैंथेनाइड व एक्टिनाइड नाम दिया गया है।
  • आधुनिक आवर्त सारणी के अनुसार प्रत्येक तत्व केवल एक प्रकार की संयोजकता ही दिखाता है परंतु प्राकृतिक में ऐसे बहुत से तत्व जो परिवर्ती संयोजकता दिखाते हैं।

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